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आजादी के बाद से अबतक के कांग्रेस तथा बीजेपी के घोटाले।

 भारत को आजाद हुए करीब 74 साल हो चुके है। इन 74 सालों में कई सरकारें आईं और कई सरकारें चली गई। पर अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो भारत में सबसे ज्यादा शासन कांग्रेस सरकार का रहा है। कांग्रेस ने करीब 56 साल देश पर राज किया है। 


जब से देश आजाद हुआ है तब से भारत में शासित सरकारों ने शासन करने के साथ साथ कई घोटाले भी किए। आज भारत की राजनीति में मोदी सरकार के आने के बाद एक मुद्दा ऐसा रह गया जिसपर कोई विपक्ष बात नही करना चाहता। वो मुद्दा है भ्रष्टाचार।

कांग्रेस आज बीजेपी की हर बात पर विरोध दर्ज करने का मौका बिल्कुल नही छोड़ती । पर क्या कांग्रेस ने अपने काल में देश को बहुत आबाद किया है ? क्या कांग्रेस ने देश के पैसों के पाई पाई का हिसाब रखा है? 

तो आज बात घोटालों की करते है। भारत में 1947 से लेकर आज तक कई घोटाले हुए। जिसमे ज्यादातर या फिर यूं कहें कि लगभग सारे घोटाले कांग्रेस के शासन काल में हुए तो गलत नही होगा। बात अगर 1947 से लेकर 2003 तक के घोटालों की बात की जाए तो इनमे से प्रमुख घोटाले है —

1. हर्षद मेहता घोटाला  (1992) – 5000 करोड़ 

2. प्रेफरेंशियल घोटाला (1995) – 5000 करोड़ 

3. Telgi घोटाला (1991) – 43000 करोड़ 

4. म्युचुअल फंड घोटाला (2001) – 1,50,000 करोड़ 

5. स्टांप पेपर घोटाला (2002) – 20000 करोड़ 

ध्यान रहे इस सूची में सिर्फ वो घोटाले है जो 5000 हजार करोड़ रुपए से अधिक के है , उससे कम कीमत के घोटाले सूची में नही है , वरना सूची अधिक लंबी हो सकती थी। इसके अलावा भी करीब 80 लाख से लेकर 1200 करोड़ के भी करीब 20 घोटाले हुए है। जो की इसी दौर के है।



अब बात करते है 2004 से लेकर 2014 तक के घोटालों की। तो हम सब जानते है की इस दौर में भी कांग्रेस की सरकार देश में थी , तब मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री का पद संभाले हुए थे। उनके दौर में जो भी घोटाले हुए उनकी सूची भी निम्न है —

1. हाउसिंग घोटाला (2006) – 18000 करोड़ 

2. आर्मी राशन घोटाला (2008) – 5000 करोड़ 

3. हसन अली टैक्स घोटाला (2008) – 50,000 करोड़ 

4. 2 जी घोटाला (2009) – 1,76,000 करोड़ 

5. ओडिशा माइनिंग घोटाला (2009) – 7000 करोड़ 

6. सत्यम घोटाला (2009) – 24000 करोड़ 

7. कॉमन वेल्थ घोटाला (2010) – 70000 करोड़ 

8. अभिषेक वर्मा आर्म्स डील घोटाला (2012) – 80000 करोड़ 

9. कोयला घोटाला (2012) – 1,85,000 करोड़ 

10. कर्नाटका जमीन घोटाला (2012) – 20000 करोड़ 

11. आयरन ओर घोटाला (2013) – 29,236 करोड़ 

12. NSEL घोटाला (2013) – 5500 करोड़ 

13. अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट घोटाला (2013) – 29,033 करोड़ 

14 दिल्ली जल बोर्ड घोटाला (2014) – 10000 करोड़ 

15. ओडिशा जमीन घोटाला (2014) – 52,000 करोड़ 

ये भी सिर्फ वही घोटाले है जो की 5000 करोड़ से ऊपर किए गए है। बाकी अगर बात की जाए तो 1200 करोड़ से लेकर 4000 करोड़ के भी 18 से 20 घोटाले हुए है कांग्रेस के राज में हुए और ये विपक्षी दल कहते है की लोग बार–बार मोदी सरकार को वोट क्यों देते है? 

हाल ही में हुए जितने में सर्वेक्षण को उठा कर देख लीजिए। नरेंद्र मोदी पर से लोगो का विश्वास है कि कम होने का नाम ही नहीं लेता। विपक्षी दल चाहे जितने आरोप प्रत्यारोप लगाए लेकिन लोगो का मोदी के प्रति यह विश्वास भारत जैसे देश में सिर्फ हिंदू मुस्लिम की राजनीति से तो नही पैदा हो सकता। 

मोदी के चिर विरोधी हमेशा हिंदू मुस्लिम राजनीति या तुष्टिकरण की राजनीति को ही मोदी सरकार की राजनीतिक सफलताओ का कारण मानती है। पर कही न कही इतने विशाल मतों से जीत के अंतर इस बात पर स्पष्ट मुहर लगा देते हैं कि लोगो के मोदी सरकार को बार बार वोट देने का कारण कुछ और ही है। 

अगर सभी बिंदुओं को मिलाया जाए तो मोदी जी की भ्रष्टाचारी मुक्त नेता की एक मजबूत छवि दिखाई देती है। इसके अलावा सरकार में आते ही मोदी सरकार ने जिस प्रकार नोटबंदी की ये फैसले शुरू में तो एक ओर बहुसंख्यक आबादी तक मोदी की आलोचनाओं का कारण जरूर बने लेकिन वही दूसरी ओर लोगो को इस फैसले से मोदी सरकार के भ्रष्टाचार पर प्रघात करने की छवि भी बन गई। 

लोगो ने जब विचार किया कि इस फैसले पर सरकार की खूब आलोचना हो सकती है और अगली बार चुनाव द्वारा वापसी भी मुश्किल पड़ सकती है इसके बावजूद मोदी सरकार ने यह नोटबंदी जैसा ऐतिहासिक फैसला किया। इसी लोगो के मन में मोदी जी की भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक सख्त नेता की छवि बनी ओर नतीजे आपके सामने है।



अब बात अगर मोदी सरकार की करे तो इसमें सिर्फ 2 ही प्रमुख घोटाले हुए जो थे विजय माल्या घोटाला (9000) करोड़ जो वो कांग्रेस के समय से कर रहा था तथा पीएनबी घोटाला (13,600 करोड़) बता दे कि ये घोटाला 2011 से 2017 की समय किया गया।

देश में अबतक करीब 8,240,018,000000 रुपए तक के घोटाले हुए है। जरा सोचिए इतने में आज भारत कहा होता ? 

अगर ये घोटाले ना हुए होते तो आज भारत अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होता और आज एक डॉलर की कीमत करीब 8 रुपए होती। इसी के साथ आज भारत में करीब 90 करोड़ लोगो के पास अपना घर होता। मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है की उसमे घोटाले नही हुए। #modi_vs_manmohan_infrastructure

सरकारों को अब यह सोचना होगा कि आखिर कब तक देश इतने बड़े बड़े घोटालों को सहता रहेगा ? घोटाले करने वालो की जवाबदेही हम जब तक तय नहीं करेंगे तब तक यह घोटाले होते रहेंगे। 

अगर कोई यहां आकर यह कहे कि घोटाले होने से कोई खास बचाव नही कर सकता तो अभी देश में केंद्र सरकार का जीता जागता उदाहरण सबके सामने है। जब किसी पार्टी का वरिष्ठ नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ इतना सख्त हो तो कोई भी नेता घोटाले करने से पहले कई बार सोचता है। 

जब मैने खुद के स्तर पर इस सूची पर छान बीन की तो घोटालों की सूची देखने पर में खुद सोच में पास गया कि आखिर इतने घोटाले होने के बावजूद देश में इन सरकारों से कोई सवाल अब तक क्यों पूंछा नही गया? सरकार इतने घोटाले करने के बाद भी कोई जवाबदेह नहीं थी। आखिर इतने बड़े लोकतांत्रिक देश में यह हो भी कैसे पाया ?

#central_vs_twitter

खेर देर आए दुरुस्त आए। कुछ सालो के लिए ही सही देश में घोटाले के मामलो ने अचानक चुप्पी साध ली है। ऐसा लग रहा है मानो कुछ हुआ ही नहीं। 

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