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Hello India ! This is Gaurav mahawar. I am from Rajasthan,kota. Here I post my blogs about Indian politics, western views about india. I have another blog too.... Where I discuss about health tricks n tips All n all in hindi.
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भारत के अबतक के सबसे लोकप्रिय से सबसे कमजोर प्रधानमंत्री ।

भारत में आजादी के बाद से लेकर आजतक 18 प्रधानमंत्री कार्यभार संभाल चुके है। कई प्रधानमंत्रियों को आज उनके अच्छे कामों के लिए तो कुछ को उनके बुरे निर्णयों के कारण याद किया जाता है। 
तो आज बात करते है भारत के सबसे ताकतवर से लेकर सबसे कमजोर प्रधानमंत्रियों की। इसकी तुलना के लिए हम उनकी लोकप्रियता , उनके कामकाज से हुए भारत के फायदे तथा नुकसानों के आधार पर ये तय करेंगे की कौनसा प्रधानमंत्री कितना ताकतवर था।




तो बात करते है भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री की —




1. पंडित जवाहरलाल नेहरू– नेहरू जी भारत के पहले तथा अबतक के सबसे लंबे कार्यकाल तक राज करने वाले प्रधानमंत्री रहे। पंडित नेहरू को गांधी जी का करीबी माना जाता था और उन्होंने भारत के आजादी की लड़ाई में भी अपनी भूमिका निभाई थी इसीलिए लोगो को लगता था कि वे भारत के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे। उन्होंने आते ही कई अच्छे काम भी किए जैसे–

नॉन एलाइनमेंट मूमेंट को शुरू करना जिसके तहत भारत कभी किसी ग्रुप का हिस्सा नहीं रहा , इसके वजह से आज भी दुनिया जानती है कि भारत किसी ग्रुप का हिस्सा ना होकर हमेशा सिर्फ सही के पक्ष में खड़ा रहता है।
नेहरू जी के ही कार्यकाल में भारत में पहली आईआईटी तथा एम्स अस्पतालो का निर्माण हुआ । 
परंतु कुछ काम ऐसे भी थे जिन्होंने आज तक भारत को कई मंचों पर बैकफुट पर कर दिया है। उनके कई गलत निर्णय भारत को कई तरह से नुकसान देते आए है , जैसे —



* कश्मीर मुद्दे को यूएन में ले जाना । पूरी दुनिया जानती थी कि कश्मीर को जंग के समय पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था और अगर नेहरू सेना को खुला हाथ दे देते तो आज कश्मीर एक डिस्प्यूटेड मुद्दा नहीं होता।
* भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सोशलिस्ट पॉलिसी को अपनाना। इसके तहत नेहरू ने भारत के बाजारों को अंतराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बंद रखा , नतीजन भारत की ग्रोथ रेट तीन दशकों तक सिर्फ 3 प्रतिशत रही।
* चीन पर अंधा विश्वास। आज जिस चीन से पूरी दुनिया परेशान है उसी चीन पर नेहरू अंधा विश्वास करते थे इसी का नतीजा रहा की चीन ने धीरे धीरे अपने सीमाओं का विस्तार करना प्रारंभ किया और फिर नेहरू के गैरजिम्मेदाराना बयानों की वजह से 1962 में भारत पर हमला कर भारत के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 
* भारतीय सेना के हाथियारो का आधुनिकीकरण ना करना। 1962 के युद्ध में चीन से मिली हुई हार का ये सबसे बड़ा कारण रहा।




2. लाल बहादुर शास्त्री – नेहरू के बाद इन्होंने कार्यभार संभाला पर बीमारी के चलते दिल का दौरा पड़ने से इनकी भी मृत्यु हो गई।


3. इंदिरा गांधी इंदिरा – द आयरन लेडी ऑफ इंडिया । जी हां इसी नाम से विख्यात थी इंदिरा। ये कांग्रेस के सबसे अधिक लोकप्रिय चेहरा रही थी। अगर आज भी आप अपने माता पिता से पूछेंगे तो वे भी यही कहेंगे की सबसे बड़ी लीडर रही थी ये। इनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि कांग्रेस के कोर वोटर आज भी इंदिरा के नाम पर कांग्रेस को वोट डालते है। इंदिरा को डिसीजन टेकर ( निर्णय लेने वाली) भी कहा जाता है।  उनके द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय थे—

* गरीबी हटाओ अभियान जिसके तहत भारत में गरीबी हटाने पर जोर दिया गया।
* 1971 का युद्ध जीतना। ये भी इंदिरा की कूटनीति का ही परिणाम था।
*1974 का परमाणु परीक्षण ( स्माइलिंग बुद्धा)
* ऑपरेशन ब्लूस्टार।
ये कुछ ऐसे कार्य थे जिन्होंने इंदिरा जी की लोकप्रियता को कई गुना तक बढ़ा दिया था। ये लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि उनकी हत्या के बाद बने प्रधानमंत्री राजीव को भारत के लोगो ने 542 में से 414 सीटें दिलाई थी। 
पर सबकी तरह उनके भी कुछ ऐसे निर्णय रहे जिन्होने उन्हें आलोचनाओं का शिकार बनाया तथा उनकी हत्या का भी प्रमुख कारण रहा जिनमे थे—




* सोशलिस्ट पॉलिसी अपनाना।
*बैंको का नेटेशनलाइजेशन करना।
* बाहर से व्यापार पर रोक लगाना।
* सबसे प्रमुख 1975 की इमरजेंसी लगाना जो उनकी दुर्भाग्यवश हत्या का कारण बना।




4. राजीव गांधी – राजीव गांधी अपनी मां इंदिरा के देहांत के बाद प्रधानमंत्री बनते है। उन्हे 414 सीटों का भारी बहुमत मिला । इसके बाद से लेकर आजतक कांग्रेस बहुमत में सरकार नही बना पाई।
राजीव गांधी ने भी अपने कार्य काल में कुछ अच्छे काम किए, जैसे–

* नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लाना।
* एमटीएनएल पॉलिसी को लाना ।
* टेलीकॉम इंडस्ट्री को प्रबल कर भारत में मजबूती देना।
ये सभी उनके द्वारा किए गए कुछ प्रमुख कार्य रहे। परंतु इसी के साथ उनके कई नकरात्मक कार्य भी इन्ही के कार्यकाल में हुए जो इन्हें आजतक आलोचनाओं का शिकार बनाते है। इनमे थे —

* कश्मीर में इनसर्जेंसी।
* कश्मीरी पंडितो पर कश्मीर में हुए अत्याचार ।
* शाह बनो एलिमोनी केस में मुस्लिम वोटबैंक के लिए अपने निर्णय से पलट गए।
* बाबरी मस्जिद कांड भी इन्ही के कार्यकाल में हुआ।
* बिना मतलब श्रीलंका के सिविल वॉर में कूद गए।
* 1984 में हुए सिख नरसंहार को इन्होंने कंडेम्न नही किया।
* भोपाल गैस ट्रेजेडी को बहुत बुरी तरह से संभाला।
* बोफर्स स्कैंडल में फंस गए।
इसके कई गलत निर्णयों तथा कार्य की वजह से राजीव गांधी सबसे कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए। ये चीज चुनाव में भी दिखी , जिन राजीव गांधी को इंदिरा जी के देहांत के बाद 541 में से 414 सीटें मिली थी उन्ही को 1989 के चुनावों में सिर्फ 197 सीटें ही मिली –  पूरा 217 सीटों का नुकसान।




5. अटल बिहारी वाजपेई – इतने साल गठबंधन की सरकारों के रहने के बाद सन् 1999 में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी। इसके मुख्य कारण अटल बिहारी वाजपेई जी को माना जाता है। अटल जी को भारत में हुए सबसे ताकतवर नेताओ में से एक माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चाहे बात एजुकेशन पॉलिसी की हो , नेशनल पॉलिसी की हो , इकोनॉमिक पॉलिसी की हो या फिर फॉरेन पॉलिसी की , अटल जी को इन सबमें महारत हासिल थी। आपकी जानकारी के लिए बता दूं , कि अटल जी ही वो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने यूएन महासभा में अपना भाषण हिंदी में दिया था।
वाजपेई जी जानते थे कि अगर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है तो भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा। उन्होंने अपने कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर में सबसे ज्यादा ध्यान दिया । उनके इंफ्रास्ट्रक्चर के कुछ प्रमुख प्रोजेक्ट्स थे —

* सागरमाला प्रोजेक्ट
* गोल्डन क्वाड्रिलेटरल प्रोजेक्ट
* नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट
* प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 
इस प्रकार की कई योजनाओं को अटल जी ने अपने कार्यकाल में शुरू किया। इनमे से कई तो आज भी भारत में चल रही है। 
डिफेंस में भारत को मजबूत करने के लिए उन्हीं कई ऐतिहासिक निर्णय लिए , जो भारत को आज दुनिया में एक मजबूत देश के रूप में विस्थापित किए हुए है। उनके इन्ही निर्णयों में शामिल थे—

* अमेरिका की नाक के नीचे न्यूक्लियर टेस्ट करना।
* कारगिल में युद्ध जीतना।
* इनके बावजूद पाकिस्तान , अमेरिका तथा चीन से रिश्ते मजबूत करने पर जोर देना।
* भारत के लोगो के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत मुफ्त शिक्षा का अधिकार देना। 
इतने सब काम करने के बावजूद अटल जी 2004 को हुए चुनाव को बुरी तरह हार जाते है। कारण था 2002 में हुए गुजरात दंगो को अटल जी का निंदा ना करना। हम सब जानते है , अटल जी कभी गलत चीज को तरजीह नहीं देते थे। गुजरात दंगो में जिम्मेदार बताए गए नरेंद्र मोदी को कोर्ट ने क्लीन चिट देते हुए बरी कर दिया। पर शायद हम भारतीय लोग दूसरो की बातों को कुछ ज्यादा ही तरजीह देते है। 




6. मनमोहन सिंह – 2004 में कांग्रेस अपने साथी दलों के साथ सरकार बनाती है जिनके प्रधानमंत्री उम्मीदवार होते है मनमोहन सिंह जी। इनके बारे में एक बहुत ही इंटरेस्टिंग बात बोली जाती है , वो ये कि मनमोहन सिंह गलत पार्टी में एक सही इंसान थे। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप मनमोहन सिंह जी को कांग्रेस से अलग करके देखेंगे तो आपको एक बहुत ही समझदार तथा एक महान अर्थशास्त्री मिलेगा जिसको कांग्रेस ने अपने निर्णयों को मनमोहन सिंह द्वारा देश पर थोप कर , उनका सही तरह से देश के विकास में इस्तेमाल नहीं किया। इनपर इस बात का बार बार इल्जाम भी लगता रहा, कि ये रिमोट कंट्रोल से चलते है। पर ऐसा बिल्कुल नहीं कि इन्होंने देश को कुछ दिया नही।
जैसा मैने कहा एक महान अर्थशास्त्री, उनके कार्यकाल की उपलब्धिया थी—
* भारत–अमेरिका के बीच सिविल न्यूक्लीयर डील पूरी करवाना।
* मनरेगा स्कीम लॉन्च करना।
* राइट टू इन्फॉर्मेशन (आरटीआई) लागू करना।
* वैट को मंजूरी देना।
* जीएसटी के लिए फ्रेम वर्क फार्मुलेट करना।
* 2007 में भारत की ग्रोथ रेट डबल डिजिट में लेकर जाना।
* लाइसेंस राज खत्म करना।
* एफडीआई भारत में लाने की शुरुआत करना।
मनमोहन सिंह के ये सारे निर्णय भारत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुए। लेकिन भारत के डिफेंस सेक्टर और नेशनल सिक्योरिटी में मनमोहन सिंह जी बहुत पीछे रह गए। इन्ही के शासन में भारत में—
* 26/11 का मुंबई हमला हुआ।
* देश की सिक्योरिटी के लिए कोई बड़ा निर्णय लेने की क्षमता का न होना।
* सर्वाधिक घोटालों का होना।
* फॉरेन टूर पर सोनिया या मनमोहन कौन पीएम है ये बात समझ नही आती थी, क्योंकि हर जगह सोनिया आगे रहती थी। जिससे मनमोहन सिंह जी को रिमोट कंट्रोल पीएम का दर्जा मिला।




7. नरेंद्र दामोदरदास मोदी– जब देश में इतने घोटाले तथा हमले बढ़ने लगे तो लोगो को लगा हमे एक मजबूत पीएम की जरूरत है। 2014 में नरेंद्र मोदी देश के 18वे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेते है। मोदी जी ने आते ही धड़ाधड़ निर्णय लेने शुरू किए। जैसे—

* नोटबंदी
* जीएसटी
* नीति आयोग का पुनर्गठन 
* उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेडर
* स्वच्छ भारत
* डिजिटल इंडिया
* स्मार्ट सिटी
* मेक इन इंडिया
* आयुष्मान भारत
* नागरिकता कानून 
* किसान बिल 
* पीएलआई स्कीम
* आत्मनिर्भर भारत
* नई शिक्षा नीति लाना 
मोदी जी के राज में भारत में सिक्योरिटी तथा डिफेंस पर बहुत जोर दिया गया। तथा देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध दिखी। उसी का नतीजा था —

* सर्जिकल स्ट्राइक
* बालाकोट एयर स्ट्राइक
* आर्टिकल 370 तथा 35–ए को कश्मीर से हटाना।
इसी के साथ मोदी जी ने अन्य देशों से संबंध सुधारने पर काफी जोर दिया , और अमेरिका, फ्रांस , रूस , सऊदी , यूएई जैसे देशों से रिश्ते सुधारे। परिणामस्वरूप जब भारत ने आर्टिकल 370 तथा 35–ए को हटाया तो किसी भी देश ने भारत से सवाल नही किया। पाकिस्तान दुनिया भर में चिल्लाता रह गया। नेशनल सिक्योरिटी और डिफेंस में तो मोदी जी मजबूत नेता साबित हुए परंतु इकोनॉमिक पॉलिसी में पीछे रह गए। 

* नोटबंदी
* जीएसटी लागू करना
* हेल्थ केयर सिस्टम का कोरोना काल में मैनेजमेंट खराब करना, हालांकि इसमें राज्य तथा केंद्र सरकारें दोनो जिम्मेदार थी पर गलती तो गलती है।
बात की जाए नोट बंदी और जीएसटी की , तो ये दोनो नीतियां बहुत ही अच्छी थी । बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये दोनो पॉलिसी बहुत  कारगर साबित हो सकती थी , अगर दोनो 3 साल के अंतर से लागू की जाती। पर इसका मतलब ये नही कि मोदी देश में लोकप्रिय नही। इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल में मोदी जी पिछले कई सालो से शीर्ष पर है। उनकी रेटिंग्स ग्लोबल लेवल पर भी काफी ज्यादा है। यही नहीं भारत में भी बीजेपी आज भी मोदी के नाम पर ही अपने सारे चुनाव लड़ती है। लोग आज भी मोदी सरकार कहते है बीजेपी सरकार नही।
पश्चिम बंगाल में हुए चुनावों में भले ही ममता बनर्जी जीत गई , लेकिन अगर किसी भी पार्टी को असल बढ़त मिली है तो वो बीजेपी ही है। बीजेपी की सीटें 3 से बढ़कर 73 तक पहुंच गई , और ये सब हुआ सिर्फ एक नाम से नरेंद्र मोदी। 
तो मेरी गणना के अनुसार सबसे ताकतवर पीएम की लिस्ट कुछ इस प्रकार है —




1. नरेंद्र मोदी ( सबसे ताकतवर तथा लोकप्रिय)
2. इंदिरा गांधी
3. अटल बिहारी वाजपेई
4. मनमोहन सिंह 
5. जवाहरलाल नेहरू 
6. राजीव गांधी ( सबसे कमजोर प्रधानमंत्री)
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                                     ★ जय हिंद ★

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