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इमरान खान क्यों भारत के लिए ज्यादा जरूरी थे?

 बीते कई दिनों से एक खबर सुनने में आ रही थी कि पाकिस्तान में इमरान खान की सत्ता जाने वाली है । ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान में सारे विपक्षी दल एक साथ आ गए । ये सारी विपक्षी पार्टियां पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती थी। 



अविश्वास प्रस्ताव हर लोकतांत्रिक देश की संसद में समय समय पर विपक्षी पार्टियों द्वारा लाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रस्ताव  के आने पर सत्ता पक्ष की पार्टियां अपना बहुमत प्रस्तुत कर सके। 

ऐसा ही कुछ फिलहाल के समय में पाकिस्तान में चल रहा है। पाकिस्तान की संसद में कुल 342 लोकसभा सदस्य है इनमे से सरकार बनाने के लिए कुल 172 सदस्यों का जादुई आंकड़ा साथ होना आवश्यक है। और फिलहाल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के पास अपनी खुद की पार्टी की कुल 155 सीटें है और बाकी के कुछ छोटी पार्टी के साथ गठबंधन के साथ वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर काबिज है।

अब हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पार्टी के अल्पमत में होने की खबरे चल रही है। खबर यह है कि कुछ पार्टियों ने इमरान खान से अपना सपोर्ट वापस ले लिया है। यहां तक कि कुछ इमरान के ही पार्टी मेंबर्स उनसे खुश नही है और बगावत पर उतर आए है। 

इससे हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान में एक और प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल को पूरा कर पाने में विफल होते दिख रहे है।

वैसे अगर देखा जाए तो ऐसी भविष्यवाणियां पहले भी की जा चुकी है।रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या द्वारा कई बार ऐसा कहा गया है। ये इसलिए भी क्योंकि आजतक के पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से लेकर अबतक कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। 

पाकिस्तान के बारे में एक और बात प्रसिद्ध है कि वहां सत्ता वही पार्टी संभालती है जिसे पाकिस्तानी आर्मी चाहती है और जैसे इमरान के रिश्ते जनरल कमर जावेद बाजवा से बिगड़े है उसे देख कर ऐसा ही लगता है कि आर्मी ने भी अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से अपने हाथ खींच लिए है।

विपक्षी पार्टियां लगातार हमलवार हुई जा रही है। उनके बयानों के अनुसार वह लगातार इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के तहत अपने बहुमत को साबित करने को कह रहे है। जिसे इमरान भी कई बार नकार चुके है जिससे एक बात तो साफ है कि इमरान सरकार अपना बहुमत साबित करने में सक्षम नही है।

इन सब के बीच हमारा यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि इमरान का जाना भारत के लिए अच्छा है या नही? 

तो आइए देखते है कि इमरान किन किन मामलों में भारत के लिए फायदेमंद है :–

1. अहंकारी स्वभाव – इमरान खान अपने आप को लेकर बहुत आंहकारी है । इसके चलते वह अपने आप के सामने किसी को कुछ भी नहीं समझते। इसी के चाहते इमरान विपक्षी दलों की कोई बात सुनना ही नही चाहते। इसी के चलते उन्हें ये पता नही चलता कि जो वे कर रहे है वो पाकिस्तान के लिए अच्छा है भी या नहीं? इसी के चलते इमरान विपक्षी दलों को कुछ न कुछ उल्टा सीधा बोलते रहते है । 

खुद को वैश्विक नेता दिखाने के चक्कर अमेरिका–यूरोप को भी बुरा भला कहते रहते है। भारत को बुरा कहते है । जबकि सच्चाई यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो  बाइडेन इन्हे फोन नही करते , प्रधानमंत्री मोदी उनका फोन नही उठाते ।



 संक्षेप में कहा जाए तो इनकी वैश्विक तौर पर इतनी हैसियत नहीं है जितना ये जताते है। इसी के चलते इन्होंने भारत से व्यापार बंद कर दिया था। जिसका खामियाजा ले देकर पाकिस्तानी आवाम को भुगतना पड़ रहा है।  इसके चलते इमरान ने अपने रिश्ते कई देशों के साथ बिगड़ लिए है।

2. यू टर्न लेने की आदत :– जितना यू टर्न इमरान खान ने प्रधानमंत्री के तौर पर लिया है उतना शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने लिया होगा। नौकरियों पर यू टर्न , महंगाई पर यू टर्न , बेरोजगारी पर यू टर्न, जैसे कई मुद्दों पर इमरान ने यू टर्न लिया है। 

अब अगर उनके पहले के बयानों को ही सुन लें तो पहले इमरान कहते थे कि मुझे बहुत शर्म आएगी अगर मुझे बाहर जा जा कर भिकारियों की तरह दूसरे देशों से पैसे मांगने पड़े , वही हम सभी जानते है कि आज इमरान को कटोरा खान क्यों कहा जाता है ।

3. आरोप प्रत्यारोप करना :– इमरान खान कभी भी अपनी गलतियां नही मानते। उनके दौर में हुई सारी नाकामियों को विपक्षी दलों की गलतियां बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते है। इमरान आज तक महंगाई के लिए विपक्षी दलों पर आरोप लगाते रहते है। 

दुनिया में पाकिस्तान के खराब रिश्ता का जिम्मेदार वह भारत को बताते है , और भारत से बिगड़े रिश्ता का जिम्मेदार वह आरएसएस तथा बीजेपी को बताते है।

4. अर्थव्यवस्था :– जब से इमरान खान प्रधानमंत्री बने है तब से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कम हुई है। ये शायद बहुत कम सुनने में आता हो कि एक 22 करोड़ की आबादी वाले देश में अर्थव्यवस्था 300 बिलियन डॉलर से गिरकर 280 बिलियन डॉलर पर आई हो।



तो कुल मिलाकर बात इतनी है कि अगर इमरान खान का जाना भारत के लिए कही से भी सही नही था। इमरान खान अभी भी भारत के फायदे में ही बात कर रहे है। इमरान जब जब अपनी रैलियों में अमेरिका को भला बुरा कहते है भारत को फायदा ही होता है।

 इन सारी चीज़ों की वजह से अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दूरियां बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है।

जब इमरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद से मुक्त हुए तब जाते जाते वह पाकिस्तान के लिए लैंडमाइंस बिछा कर गए है। ऐसा कहना है शहबाज शरीफ का। 

जी हां , इमरान जाते जाते कई चीजों के दाम कम करते हुए गए जिसकी वजह से आते ही शहबाज सरकार को दाम बढ़ाने पड़े और सरकार की आते ही किरकिरी हो गई। 

खैर वर्तमान समय की बात करें तो आज शाहबाज सरकार द्वारा जैसे जैसे अमेरिका से नजदीकी पाकिस्तान बढ़ाता जा है , उसका असर भी अब पाकिस्तान को मिलने वाले कर्ज के रूप में दिखने लगा है। जी हां ! अभी हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को अनुमानित करीब 10 बिलियन डॉलर्स का कर्ज विभिन्न देशों द्वारा प्रस्तावित हुआ है। 

हो सकता है आने वाले कुछ समय में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार देखने को मिले । वैसे उम्मीद बहुत कम है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बच जाएगी। फिर भी देखते है क्या होता है!

यह भी पढ़े :—

( पाकिस्तान की बनती बिगड़ती अर्थव्यवस्था)




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