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पाकिस्तान की बनती बिगड़ती अर्थव्यवस्था

 पाकिस्तान जो आज दुनिया की पांचवी सबसे अधिक आबादी वाला देश है। एरिया के हिसाब से दुनिया का 33वा सबसे बड़ा मुल्क है। पाकिस्तान के बनने के बाद से लेकर आज तक 3 बार मिलिट्री शासन में रहा है। 


पाकिस्तान के बनने के बाद 1950 से 1960 के बीच दुनिया के कई बड़े बड़े अर्थशास्त्री इसे एशिया का giant मानते थे। कई वेस्टर्न देशों ने पकिस्तान की शुरुआती विकासदर को देखते हुए भारत को नकारते हुए पाकिस्तान को तरजीह दी थी । पाकिस्तान वह देश है जिसने भारत से अपनी विकासदर को कई वर्षो तक ज्यादा रखा। और शुरुआती दौर के देखने पर शायद किसी भी अर्थशास्त्री को भी यही लगे की तब के पाकिस्तान के पास अपार संभावनाएं थी जिससे कि वह एशिया उपमहाद्वीप में एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन सकता था लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद का साथ चुना।

जिससे आज पाकिस्तान की ये हालत हो गई है कि उससे कई छोटे देश जो पहले उससे कई पीछे थे वो भी बहुत आगे निकल चुके है। बांग्लादेश जो किसी वक्त पाकिस्तान का ही हिस्सा हुआ करता था आज वो भी पाकिस्तान से आगे निकल चुका है। उसकी अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से ज्यादा हो गई है।


पाकिस्तान की मुसीबतों की बात करे तो इनमे सबसे बड़ी मुसीबतें – बढ़ती जनसंख्या , गरीबी , आतंकवाद , अनपढ़ लोग , भ्रष्टाचार और कर्ज सबसे बड़े मुद्दे है। 

आज पाकिस्तानियों को ऐसा लगता है कि जब से इमरान खान प्रधानमंत्री बनकर आए है , पाकिस्तान की हालत सुधर गई है। तो देखते है इनके खान साहब ने इनके लिए क्या क्या किया है।

पाकिस्तान जब बना था तब उसने सेमी लिबरल पॉलिसी अपनाई थी जो पाकिस्तान के लिए फायदेमंद साबित हुई । कई विदेशी कंपनियों ने पाकिस्तान में इन्वेस्ट किया। तब पाकिस्तान की ग्रोथ रेट 6.8 से ज्यादा हुआ करती थी। 


बहुत से पाकिस्तानी ये मानते है कि इमरान को पाकिस्तान बहुत बुरे हालात में मिला , जबकि जब नवाज शरीफ आए थे तब भी पाकिस्तान कुछ ऐसे ही हाल में था , तब आते ही उन्होंने आईएमएफ से 6.3 बिलियन डॉलर का फंड लिया और पाकिस्तान को इससे बूस्ट कर सही दिशा में लेकर आए । 

पाकिस्तान की आज की अर्थव्यवस्था —


पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सन 2002 में 100 बिलियन डॉलर थी , 2013 में 300 बिलियन डॉलर हो गई फिर आए इमरान खान और फिर 2021 में पाक अर्थव्यवस्था 292 बिलियन डॉलर हो गई। जी हां , बिल्कुल सही पढ़ा अपने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बढ़ी नहीं बल्कि घट कर 292 बिलियन डॉलर हो गई। आज पाकिस्तान दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में 42वें स्थान पर आता है।


पाकिस्तान की जीडीपी पीपीपी 2021 में 1.19 ट्रिलियन डॉलर थी। पाकिस्तान का आज का विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 23 बिलियन डॉलर बचे है जबकि भारत जिसे वो अपना प्रतिद्वंद्वी मानता है उसके पास 660 बिलियन डॉलर से ज्यादा का मुद्रा भंडार है। ये थी इमरान के वादे अनुसार तरक्की पसंद मुल्क पाकिस्तान की दशा। 

पाकिस्तान के ही सर्वे के अनुसार 2018 में नेशनल न्यूट्रिशन में ये बात सामने आई कि पाकिस्तान में 50 प्रतिशत लोगो को सिर्फ एक वक्त का खाना मिलता है। 

महंगाई की बात करे तो जो महंगाई 2018 तक 4.7 प्रतिशत की दर पर थी वो आज 2021 में 11.9 प्रतिशत की दर पर है। जब से इमरान खान सरकार में आए है तब से पाकिस्तान का व्यापार काम हुआ है। जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा है।

गिरती अर्थव्यवस्था के प्रमुख कारण—

1. FATF की ग्रे लिस्ट में रहना – पाकिस्तान  के ग्रे लिस्ट में रहने के कारण उसे अब तक करीब 42 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है। एफ ए टी एफ नमक इस संस्था में ग्रे या ब्लैक लिस्ट सिर्फ शामिल हो जाने पर ही कई देशों की अर्थव्यस्था बैठ जाती है। 

अगर कोई देश एफ ए टी एफ की ग्रे लिस्ट में भी चला जाता है तो कई देश और उनके बैंक उस देश को लोन देने से बचते है। इसी वजह से देश और भी ज्यादा आर्थिक तौर पर कमजोर होने लगता है।

2. गलत इकोनॉमिक पॉलिसी– पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलती इसका चीन के CPEC प्रोजेक्ट में साथ होना रहा है। ये सब पाकिस्तानियों को इस बात का चूरन बेचते रहे की इससे पाकिस्तान की तरक्की होगी , बाहर के लोग मुल्क में नौकरियों की तलाश में आएंगे , वगैरह वगैरह । जबकि इसके चलते पाकिस्तान को चीन ने अपने कर्ज तले इतना दबा दिया कि उसे अपने पोर्ट , हाईवे, ब्रिज आदि चीज गिरवी रखनी पड़ रही है।



3. कर्ज – पाकिस्तान शायद दुनिया का वो वाहिद मुल्क है जो कर्ज चुकाने के लिए कर्ज लेता है। 


इमरान खान के आने के बाद पाकिस्तान का कर्ज बढ़कर 45,470 बिलियन पाकिस्तानी रुपया हो गया है। वही बात की जाए इंटरनल कर्ज की तो वो भी बढ़कर 95 बिलियन डॉलर से 116 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है ।

जिस। रफ्तार से पाकिस्तान में प्रधानमंत्री कर्ज ले रहें है , जल्द ही पाकिस्तान का आर्थिक तौर पर दिवालिया होना पक्का है। अब कुछ ही समय पूर्व चीन भी पाकिस्तान को अपने तेवर दिखाना शुरू कर चुका है। हाल ही में आई खबरों के मुताबिक चीन ने भी पाकिस्तान को जल्द ही इसके द्वारा दिए गए कर्ज की किस्त चुकाने को कहा गया है।


4. आतंकवाद को समर्थन – पाकिस्तान ने बनने के बाद से ही भारत को कब्जाने के इरादे से कई आतंकवादी समर्थित ग्रुप को फंड किया जो आज पाकिस्तान के ही गले ही हड्डी बन गया है।

आने वाले समय में आईएमएफ ने ये प्रेडिक्ट किया है कि पाकिस्तान का कर्ज 2023 तक बढ़कर 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। कमाल का पाकिस्तान की इकोनॉमी को बढ़ाया है इमरान खान ने। देखते है आज क्या होता है ? 


5. लगातार राजनीतिक अस्थिरता – पाकिस्तान में अर्थव्यस्था में सुधार ना आने को कई वजहों में यह भी एक प्रमुख वजह सामने आती है। जब पाकिस्तान अपने अस्तित्व में आया हैं यहां एक भी प्रधानमंत्री आज तक अपना 5 साल का कार्यकाल पूर्ण नही कर पाया। पहले वाले प्रधानमंत्री के हटते ही अगले प्रधानमंत्री उनके द्वारा शुरू की गई कई कार्य प्रणालियों पर रोक लगा देते है। इससे पाकिस्तान विकास कर ही नहीं पाता।

आखिर में यही कहूंगा कि पाकिस्तान को देखकर कभी कभी तरस आता है। 22 करोड़ के मुल्क में जिनके पास। कहने को तो न्यूक्लियर ताकत है पर खाने को रोटी नहीं है। एक पड़ोसी होने के नाते हम तो यही कहेंगे कि जैसे भी हो यह देश दिवालिया ना हो। बशर्ते पाकिस्तानी सेना या फिर सरकार भी ऐसा ही चाहे!




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