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भारतीय नेता आम लोगो से 1400 गुना अधिक अमीर !!

 आप लोग भारत में कोई भी चुनाव उठा लीजिए ,  कुछ चीजें आपको हमेशा एक जैसी होती मिलेगी। जैसे कि सभी नेता गरीबी को कम करने की बात करते हैं , चुनाव के दौरान गरीबों के घर खाना खाते हैं , उनके साथ फोटो खिंचवाते है , उनके फायदे के लिए कई तरह के फैसले लेने की बात करते है , कई तरह की मुफ्त योजनाएं देने का वादा करते हैं और भी ना जाने क्या क्या वादे करते है और जब यह लोग चुनाव जीत जाते हैं तो जनता से किए गए सारे वादे भूल जाते हैं। 



इन सभी बातों को चुनाव जीतने के बाद यही सारे नेता अपनी अपनी जेब भरने में लग जाते है। क्या आप लोग को पता है कि भारत में एक आम नागरिक से नेता करीब 1400 गुना अमीर है लेकिन इसे कहीं गुना ज्यादा भारत में नेताओं की आय बढ़ रही है वह भी बहुत तेजी से। 


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अगर बात की जाए आज के डाटा के अनुसार तो भारत में गरीबी कम हो रही है लोगों की औसत आय बढ़ रही है। हाल ही में आई एडीआर की एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय करीब पूरे भारत में 546 में से 475 जो की पूरे देश के कुल एमपी का 88% है, ये सब करोड़पति है।  इन सब में बीजेपी के करीब 88% एमपी करोड़पति हैं तो वहीं कांग्रेसी 85%। 

हाल ही में प्रकाशित हुई एडीआर की रिपोर्ट पूरी तरह से एक सरकारी दखल से मुक्त होकर रिपोर्ट प्रकाशित करती है। यही एडीआर चुनाव के दौरान सभी चुनाव लड़ने वाले एमपी तथा एमएलए की क्राइम कथा संपत्ति की रिपोर्ट प्रकाशित करती है। 


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भारत में अभी कुछ समय से यह देखा जा रहा है कि भारतीय नेता बहुत तेजी से अमीर हो रहे हैं। जहां 2004 के चुनाव के दौरान 156 एमपी जो कि करीब 30% है , करोड़पति थे वही 2014 आते-आते यह आंकड़ा दोगुना होकर 315 जोकि 58% है हो गया। इसी के साथ 2019 आते आते हैं यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ कर 88% हो गया। 

हमारे देश के एमपी की औसत आएगी बढ़ रही है। 2004 के चुनाव के अनुसार हर एमपी की औसत आय 1.9 करोड़ रूपये की थी जो 2014 आते-आते 13 करोड़ की हो गई थी , जो कि 2019 आते आते हो 16 करोड हो गई।

                
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बात करें क्राइम रेट की तो तो 2004 तक 128 एमपी क्राइम चार्ज थे। यह आंकड़ा 2020 आते-आते 128 से बढ़कर 233 हो गया जो कि करीब 43% है। पॉलिटिक्स में नेताओं को क्रिमिनल चार्ज लगते रहते हैं कभी कभी विपक्षी पार्टियां भी नेताओं की और बदनामी के लिए भी कई तरह की क्रिमिनल एफआईआर दायर करवाती है लेकिन लोकसभा की 129 एमपी ऐसे हैं गंभीर धाराओं के तहत क्रिमिनल चार्ज जैसे बलात्कार , अपहरण , हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।


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यह बात तो हुई भारत की एमपी की अब बात करते हैं यहां के एमएलए की तो भारत में एमएलए भी कोई कम अमीर नही है। दिल्ली में 74% एमएलए करोड़पति है , पंजाब में 75% एमएलए करोड़ पति है , महाराष्ट्र में 93% एमएलए करोड पति है ।

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बात करेगा नॉर्थईस्ट की तो मणिपुर में करीब 80% एमएलए करोड़ेपति है । बात करें उत्तर प्रदेश की तो 403 एमएलए में से करीब 366 एमएलए करोड पति है लगभग 91% , बिहार में करीब 67% करोड़पति है ।

                   
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बात साउथ की करे तो कर्नाटका में 95% एमएलए करोड़पति है , तमिलनाडु के 77% केरला की 43% एमएलए करोड पति है। केरला में 132 में से 86 एमएलए पर क्रिमिनल केस है जिनमे से 28 पर तो गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज है। भारत में सबसे ज्यादा शिक्षित राज्य में केरला सबसे ऊपर आता है लेकिन केरेला में करीब 41% एमएलए छठी से बाहरवी कक्षा तक ही पढ़ें लिखें है। 

अब इस दिए गए डाटा के अनुसार आप को समझना होगा कि भारत में कोई भी राजनीतिक पार्टी अलग नही है। आज भारत को सरदार पटेल जैसे लीडर की जरूरत है देश के लिए जीते थे।

आज भारत में सबसे अमीर राजनीतिक पार्टियों में सबसे पहले बीजेपी है उसके बाद बीएसपी और उसके बाद कांग्रेस है जिसके बाद समाजवादी पार्टी आती है।

यूपी में व्यक्तियों की औसत आय भारत में बहुत कम है लेकिन वहां की दो राजनीतिक पार्टियां सबसे अमीर पार्टियों में आती है। 


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साल 2019 में चुनाव पूरी दुनिया का सबसे महंगा चुनाव रहा। इस चुनाव में अमेरिका जैसे बड़े देश के चुनाव के खर्चे को भी पीछे छोड़ दिया। भारत में हर साल असमानता बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट जोकि वर्ल्ड एंड क्वालिटी रिपोर्ट के नाम से प्रकाशित होती है उसमें बताया गया है कि भारत में करीब 57% आय इसके टॉप 10% अमीर लोग लोगों के पास है। इसके अलावा टॉप 22% आय यहां के 1% अमीर लोगो के पास है।

 कि किसी तरह से भारत में आम लोगों और राजनेताओं के बीच असमानता बढ़ती जा रही है। भारत में सबसे ज्यादा असमानता को आंध्र प्रदेश के राज्य में देखने को मिलेगी । यहां पर लोगों की औसत आयु करीब 93 हजार है जो कि वहां के नेताओं की औसत आय से 5200 गुना कम है।

आंध्र प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश आम लोगों की औसत आय से वहां के नेताओं की आए 4900 गुना से अधिक है। मध्य प्रदेश के बाद मेघालय , तेलंगाना , उत्तर प्रदेश है। 

यही औसत आय मैं असमानता सबसे कम सिक्किम में है यहां पर एक आम व्यक्ति की औसत आय से वहां के राजनेताओं के आय सिर्फ 0.32% है। इन सब बातों से एक बात तो बिल्कुल साफ हो जाती है कि भारत में कोई भी आम इंसान एमएलए या फिर एमपी का चुनाव नहीं लड़ सकता है, और ना ही जीत सकता है। और यह भारत के लिए एक बहुत नकारात्मक बात है क्योंकि भारत आज भी तृतीय विश्व की श्रेणी में आता है।

तो अब आप सबके मन में यह विचार आ रहा होगा कि भारत आखिर क्यों इतनी असमानता बढ़ रही है? इसका जवाब बिल्कुल सीधा सा है आज भारत में कभी बड़े बड़े व्यापारी व सेलिब्रिटी चुनाव लड़ने उतार रहे है। 

राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े व्यापारी तथा सेलिब्रिटी को चुनाव के लड़ने का टिकट इसलिए भी देते हैं क्योंकि इससे उनके पास एक अन्य फंड हो जाता है और यह सेलिब्रिटी और व्यापारी की पकड़ भी जनता में बहुत ज्यादा होती है , नाम होता है। इन सब कारणों से लोग भी इन सब को वोट देते हैं। 

आज वर्तमान समय में ज्यादा से ज्यादा सेलिब्रिटी और बिजनेसमैन चुनाव इसलिए क्योंकि आज के समय भारत में बिजनेस करना और राजनीति में ज्यादा फर्क रहा नहीं है।

भारत में पहले के समय बिजनेसमैन राजनीतिक पार्टियों को चुनाव लड़ने के लिए फंड प्रदान करते थे लेकिन आज वही बिजनेसमैन खुद चुनाव लड़ने उतर रहे हैं। इन बिजनेसमैन को चुनाव एक बिजनेस की तरह लगता है क्योंकि जैसे बिजनेस में ये पैसों का निवेश करते हैं ठीक उसी तरह चुनाव में भी यह पैसे निवेश करते हैं क्योंकि इन्हें पता है कि अगर एक बार हम चुनाव जीत जाते हैं तो इन पैसों को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं।


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आजकल की राजनीति में ऐसी धारणाएं बहुत ज्यादा घातक सिद्ध हो सकती है। क्योंकि आज जारी राजनीतिक पार्टियों ने भारत की डेमोक्रेसी का मजाक बनाकर कया और आप चाहे कांग्रेस को देख लो , बीजेपी को देख लो या फिर आम आदमी पार्टी , टीआरएस , शिवसेना जैसी पार्टियों को  देख लो।

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पहले देखने पर ऐसा लगता था कि आम आदमी पार्टी इन सबसे अलग है क्योंकि आम आदमी पार्टी कहती थी कि वह अपने किसी भी ऐसे व्यक्ति को एमपी या एमएलए का टिकट नहीं देंगे जिस पर क्रिमिनल चार्ज लगे हुए हैं लेकिन वर्तमान स्थिति के अनुसार आम आदमी पार्टी 50% से अधिक एमपी पर क्रिमिनल चार्ज लगे हुए है।

आम आदमी पार्टी के 37 एमएलए पर गंभीर क्रिमिनल चार्ज है । ताहिर हुसैन जो कि दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड आम आदमी पार्टी से है। पंजाब में भी यही हाल है वहां पर आम आदमी पार्टी के 57 एमएलए जो की 52% है उन पर क्रिमिनल चार्ज है जिसमें से करीब 23% पर गंभीर धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज है। 

इन सब बातों से साफ हो जाती है सारी राजनीतिक पार्टियां एक जैसी है कोई अलग नहीं है। अब आप यह सब सोच रहे होंगे ऐसे ही एमपी एमएलए है तो भारत का क्या होगा तो यहां पर यह बताना भी बहुत जरूरी है भारत में कई नेता ऐसे हैं ईमानदार है ,पिछड़े वर्ग तथा गरीब वर्ग से आते हैं। और देश के लिए कुछ करना चाहते है। 

तो यह हम पर निर्भर करता है कि हम ऐसे नेताओं को चुने जोकि देश के लिए काम करें ना कि खुद की झोली भर और आराम करें। भारत को इस समय एक राजनेता की नहीं बल्कि कई अच्छे लीडर्स की जरूरत है जो कि सिर्फ भारत की तरक्की के लिए तथा उसके विकास के लिए  काम करें।

                                  ★ जय हिंद


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