google-site-verification=zg3Xci58-908fztFVfw5ltDDK7t7Q250EoMrB9rswdA डिफेंस बजट – मोदी vs मनमोहन सिंह

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डिफेंस बजट – मोदी vs मनमोहन सिंह

अभी हाल ही में कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर चीन को मुंहतोड़ जवाब ना देने का बोलकर घेरने का मामला सामने आया था। अगर बात करें राहुल गांधी की जो हर बार मोदी जी को घेरने का मौका नहीं छोड़ते उन्होंने भी एक रैली को संबोधित करते हुए एकाएक ये तक के दिया था कि अगर इस समय कांग्रेस की सरकार होती तो अब तक चीन की सेना को भारतीय सीमा से बाहर निकाल देती। अब आप सोच रहे होंगे क्या सच में कांग्रेस ऐसा ही करती? क्या कांग्रेस वाकई में सेना की इतनी हितेषी रही है? चलिए इस बार बीजेपी तथा कांग्रेस के कार्यकाल में सेना में खर्च तथा देश की रक्षा में खर्च पर चर्चा करते है।

तो अगर बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस के इतने साल सत्ता में रहने के बावजूद ये कोई पॉलिसी सेना को लेकर नही ला पाए। और बात करें बीजेपी की तो इन्होंने आते ही कई अटकी हुई पॉलिसी को चालू किया। इनमे मुख्यतर वन रैंक वन पेंशन , CDS की पोस्ट आर्मी में शुरू करना जैसे फैसले थे। जो की कई सालो पहले से अटके हुए थे।



1. अगर बात करे सेना के लड़ने के लिए गोला बारूद के स्टॉक की , तो मनमोहन सरकार में 2004 में सेना के पास सिर्फ 10 दिन का स्टॉक था , जिसमे भी कई तो पुरानी तकनीक वाले हथियार थे जिन्हे अपग्रेड करने की बहुत जरूरत थी, जो इन्होंने नही किया। वही बात करें बीजेपी की तो अटल जी की सरकार के समय उन्होंने सेना के 20 दिन तक लड़ने के लिए गोला बारूद का स्टॉक रखा था।

 फिर मनमोहन सिंह और ये स्टॉक धीरे धीरे कम होता चला गया। लेकिन 2014 में जैसे ही मोदी सरकार सत्ता में आई , उन्होंने इस सेक्टर में बहुत तेजी से अधिक काम किया इसका नतीजा ये निकला कि आज भारतीय सेना के पास 40 दिन से अधिक का गोला बारूद का स्टॉक है। मोदी सरकार ने सेना को 2 फ्रंट वॉर के लिए भी तैयार किया।
आज मोदी सरकार के कार्यकाल में हमारी थल सेना , वायु सेना और जल सेना तीनों ही अत्याधुनिक हथियारों से लैस हो चुके है। हथियारों के स्टॉक की कमी तो छोड़िए अगर आज जंग होती भी है तो कम से कम 3 महीनो का जखीरा एडवांस भारत की सेनाओं के पास है। 



2. नेशनल सिक्योरिटी — कांग्रेस के समय में भारत में कई हमले हुए । कुछ हमले तो इतने बड़े थे कि उसमे सैकड़ों लोगों की जान चली गई, पर कांग्रेस की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। जबकि मोदी सरकार के समय ऐसा कोई भी वाकया भारत के अंदर नही हुआ। और जो वाकए कश्मीर घाटी में हुए उसका जवाब सर्जिकल स्ट्राइक तथा बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन से दिया गया।
इन्ही फैसलों ने भारत की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर काफी बदल चुकी है । और भारत के ऐसे ही फैसलों को देखते हुए अमेरिका को भी एशिया महाद्वीप में चीन को टक्कर देने के लायक देशों में भारत सर्वश्रेष्ठ देशों में दिखना शुरू हो गया। 


3. सड़के तथा इंफ्रास्ट्रक्चर — कांग्रेस के समय उन्होंने जब भी इंफ्रास्ट्रक्चर की बात आई , हाथ खड़े कर देती थी और कहती थी कि पैसे नही है। पर बीजेपी ने आते ही तेजी से अपनी सड़को और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश किया। जून 2020 में गलवान में हुई झड़प का मुख्य कारण सड़क बनाना ही था। 

कांग्रेस के समय के विद्वानों को लगाता था कि अगर भारत ने सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया और हाईवे तथा रोड बनाए तो इनका इस्तेमाल कर चीन भारत में घुसपैठ कर सकता है। अब कारण चाहे जितना भी बचकाना क्यों ना हो लेकिन इसी कारण से हम लोगो ने कई सालो तक हमारी चीन से लगती सीमाओं की सुरक्षा में कई कदम पीछे खीच लिए। 
कहते है कि दुश्मन आपको कमजोर देखने पर और ज्यादा अक्रमक रुख अपनाता है। चीन ने भी कुछ सालो तक ऐसा ही किया। लेकिन मोदी सरकार ने आते ही अपने तेवर दिखाने शुरू किए और सभी सीमा प्रोजेक्टों को पूरा किया।


4. डिफेंस आयात— कांग्रेस ने अपने समय में डिफेंस की कई डील तो की पर उसे पूरा नहीं किया। इससे मुख्यता हमारी वायुसेना बहुत कमजोर हो गई। 


लेकिन बीजेपी ने आते ही इसपर एक्शन लिया और डील कंप्लीट की। इसी की वजह से इसराइल से मशीन गन, चिनुक हेलीकॉप्टर , s 400 एंटी मिसाइल सिस्टम जैसे कई बड़े सौदे हुए तथा अब देश को ये चीज भी मिल रही है, जो हम सबको दिख भी रही है।


5. डिफेंस निर्यात — कांग्रेस ने अपने 6 दशकों के कार्यकाल में इसपर कही भी ध्यान नहीं दिया । इसी वजह से इस सेक्टर में सिर्फ बीजेपी का डाटा है। मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनते ही मेक इन इंडिया को शुरू किया, जिससे भारत जो अब तक सिर्फ आयात करता था उसने निर्यात करना भी शुरू किया।  इसी मेक इन इंडिया के तहत भारत ने करीब 2 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट को बाहर से आयात ना करते हुए भारत में ही बनाएं , इसका परिणाम ये निकला कि आज भारत दुनिया में बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्यात कर रहा है। 


मेक इन इंडिया के तहत भारत जिसकी रैंक 2015 से 2019 तक 23वी थी वो 2020 आते आते 19वी हो गई। बीते कुछ सालों से भारत दूसरे देशों को निर्यात करने में अपना शेयर बढ़ता ही जा रहा है।



6. इसरो को परीक्षण की अनुमति देना— इस सेक्टर में भी हमेशा की तरह कांग्रेस इस बार भी बहुत धीमी रही। अपने 2014 तक के कार्यकाल में कांग्रेस के पास इसरो बार बार ASAT का परीक्षण करने के लिए पूछती पूछती रही ,कारण था चीन द्वारा इसका परीक्षण करना। तब दुनिया में सिर्फ 3 ही देश ऐसे थे जिनके पास ये तकनीक थी, पर कांग्रेस सरकार बार बार इस परीक्षण को टालती रही। इस परीक्षण की इजाजत मोदी सरकार ने दी और इसरो ने हमेशा की तरह अपने पहले ही प्रयास में कामयाबी हासिल की। अगर कांग्रेस इसकी इजाजत उसी समय दे देती तो भारत कई सालो पहले ही इस तकनीक से लैस हो जाता , पर हमेशा की तरह कांग्रेस हर बार फेल हुई। 



ये वही कांग्रेस है , जो आज बड़ी बड़ी बातें करती है। काश अगर ये उसी समय ये सब चीजें कर देती तो आज शायद देश में यही लोग सरकार चला रहे होते। पर अब पछताते होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत !!!!
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1 Comments

  1. After Modi Govt came to Power, it has opened so many Lacunas , not taking decisions, lingering tactics Congress had adopted came to light of General Public.
    Our Yuvraj is not Ashamed of this and leaves no stone unturned in Blaming Modi Govt.

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