google-site-verification=zg3Xci58-908fztFVfw5ltDDK7t7Q250EoMrB9rswdA गौतम अडानी क्या वाकई बीजेपी सरकार की वजह से अमीर बने है??

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गौतम अडानी क्या वाकई बीजेपी सरकार की वजह से अमीर बने है??

 गौत्तम आदणी, जो इस समय मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए एशिया और भारत के सबसे अमीर इंसान बन गए है और इसी के साथ दुनिया के पांचवे सबसे अमीर इंसान बन गए है। 


अडानी के कई व्यवसाय भारत में मौजूद है , जिनमें प्रमुख है – अडानी पावर , अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज , अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड इत्यादि। इन सबमें अदानी ट्रांसमिशन तो भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट ट्रांसमिशन कंपनी है।


अडानी कंपनी के पचास देशों में करीब 70 दफ्तर है । हाल ही में जैसे जैसे अदानी की संपत्ति में इजाफा होना शुरू हुआ वैसे ही कुछ लोगो ने यू बोलना शुरू कर दिया कि ये सब मोदी की वजह से हो रहा है , और अदानी देश को लूट रहे है। तो इस बात में कितनी सच्चाई है देखते है —

गौतम अदानी की बढ़ती संपत्ति के बारे में जानने के पहले हमे उनकी पिछली जिंदगी की बारे में भी जान लेना जरूरी है।



यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि गौतम अदानी एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते है । जिन्होंने यह तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है और कुछ अच्छी किस्मत ने भी उनका साथ दिया है। अच्छी किस्मत इस लिए क्योंकि कुछ साल पहले अदानी का फिरौती के लिए अपहरण किया गया था , फिर मुंबई में ताज होटल के हमले में अदानी भी उस होटल में मौजूद थे । ये तो उनकी किस्मत की बात । 

अब बात करें उनकी मेहनत की तो आपको बता दे की अदानी ने अपने कॉलेज के दिनों में ही कॉलेज को छोड़ कर अपनी खुद की राह बनाने का फैसला किया था। उनके पिता उनके इस फैसले से खुश नही थे। 

लेकिन अपनी धुन के पक्के अदानी ने वही किया जिसके करने में उन्हें खुशी मिली। साल 1978 में अचानक से कॉलेज छोड़ कर इन्होंने सब को चौंका दिया। फिर जेब मे सिर्फ 100 रुपए लेकर अदानी सपनो की नगरी मुंबई पहुंचे। यह पहुंच कर उन्हें महिंद्रा ब्रदर्स में अपनी पहली नौकरी मिली। यहां दो तीन साल काम करने के बाद उन्हें जावेद ज्वैलरी में हीरे छांटने का काम मिला।

इसके बाद सन् 1988 में इन्होंने अदानी एंटरप्राइजेज के नाम से खुद को कंपनी खोली। पर इनकी किस्मत साल चमकी जब साल 1991 में भारत में एलपीजी प्राइवेटाइजेशन, ग्लोबलाइजेशन हुआ। जिससे अदानी एंटरप्राइज ने बाहर के देशों में एक्सपोर्ट करना शुरू किया ।

फिर आता है साल 1994 , जिसमे सरकार ने मुंद्रा पोर्ट में मैनेजमेंट का कॉन्ट्रैक्ट का एलान किया जो 1995 में अदानी ग्रुप को मिल गया।

गौरतलब है कि अदानी को 1995 में अपना पहला कॉन्ट्रैक्ट कांग्रेस सरकार ने दिया। जी हां , वही कांग्रेस जो आज इनका नाम लेकर देश को लूटने वाला बताती है।

इसके कुछ सालो बाद अदानी ने अदानी पावर के नाम से कंपनी खोली। साल 2001 में बीजेपी की सरकार आने तक अदानी एक अमीर इंसान बन चुके थे।

साल 2009 में अदानी ने ऑस्ट्रेलिया तथा इंडोनेशिया में एक एक पोर्ट खरीदा , फिर साल 2010 में ओडिसा में एक माइन प्रोजेक्ट शुरू किया।

कांग्रेस की सरकार के 10 साल के कार्यकाल में अदानी को दस 21 हजार करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट्स मिले थे । साल 2013 में कांग्रेस के ही यूनियन मिनिस्टर में अदानी को 12 हजार करोड़ के दो और प्रोजेक्ट्स दिए थे। 



इसके बाद जब साल 2014 में बीजेपी सत्ता में आई तब अदानी को 5 पावर प्लांट बनाने का प्रोजेक्ट मिला । एविएशन के सेक्टर में अदानी को 3 प्रोजेक्ट मिले, फिर अदानी को देश का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट मिला।



तो अगर देखा जाए तो दोनो ही सरकारों ने अडानी को कई प्रोजेक्ट दिए है , लेकिन इन दोनों पार्टियों की राजनीति में अदानी फंस गए है। और अदानी ही नहीं कई और बिजनेस मैन ( व्यापारी ) जो भारत में अपना व्यापार बढ़ाते है उनका यही हाल होता है। शायद भारत ही इकलौता ऐसा देश है जहां के लोगो को लगता है कि ये बड़े बड़े व्यापारी पैसे कमाने के लिए देश को लुटते है , जबकि एक बड़ी अर्थव्यवस्था में व्यापारियों की अहम भूमिका होती है। 

कई महानुभाव तो यहां तक कह देते है कि सरकार पॉलिसी इन्ही को देख कर बनाती है , जबकि एक व्यापारी सरकार की रणनीति के अनुसार अपनी रणनीति बनाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा उसके व्यापार में बढ़ोतरी हो।



ऐसे ही राजनीति के चक्कर में पड़ कर कई लोग ये भी नहीं समझ पाते कि ये व्यापारी ही होते है जो नौकरी खाते नही बल्कि नौकरी देते है। देश के विकास के लिए जो पैसा सरकार खर्च करती है उन पैसों में एक बड़ा हिस्सा ये भी टैक्स के रूप में देते है। लेकिन हम सबकी राजनीति के चक्कर में ये व्यापारी एक हद तक परेशान होने के बाद अगर देश छोड़ दे तो भी हमे ही परेशानी होती है। तो भारत के विकास कोई हमे ये चीजें छोड़नी होगी।

तो अब बात करते है गौतम अदानी के बढ़ती दौलत के बारे में ! तो अदानी अभी दुनिया के पांचवे सबसे अमीर इंसान बन गए है । अडानी ने  अभी हाल ही में वारेन बफेट को इस मामले में पीछे किया है।

हम सबने एक चीज पर गौर किया है कि अरबपतियों की दौलत पिछले कुछ सालो में कई गुना बढ़ गई है। तो इसका कारण स्टॉक मार्केट है। इसी की वजह से हमने देखा है कि कैसे एलोन मस्क पिछले कुछ ही सालो मे दुनिया के सबसे अमीर इंसान बन गए।

अगर सबसे से दौलत की बढ़ोतरी की बात की जाए तो गौतम अदानी ने इस वर्ष 2022 में अपनी दौलत  करीब 49 बिलियन डॉलर तक बढ़ाई है। 2022 में अदानी ग्रुप की तीन कंपनियां जिनमे अदानी विलमर, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी पावर ने 100 प्रतिशत तक रिटर्न दिया है। ये इनकी दौलत में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण रहे है।



गौतम अदानी से अभी यूके के प्रधानमंत्री भी मिले है और उन्होंने अदानी ग्रुप को वहां निवेश करने का भी न्योता दिया है। गौतम अदानी की दौलत इस लिए भी बढ़ रही है क्योंकि वे सही समय पर सही जगह निवेश कर रहे है। पर इन्ही के साथ साथ अगर देखा जाए तो अदानी की कंपनी पर कर्ज भी बहुत है जो अब धीरे धीरे कम होता जा रहा है।

तो दोस्ती अभी अपने पढ़ा की कैसे अदानी इतने अमीर बने और कैसे उन्होंने अपनी पॉलिसी से अपनी दौलत में लगातार इजाफा किया। लेकिन 2014 से जब से मोदी सरकार आई है तब से लोग इसे अंबानी–अदानी की सरकार कह रहे है। और मोदी सरकार को इन्हें सपोर्ट करने के लिए कोस भी रहे है। लेकिन वही दूसरी ओर अगर देखा जाए तो सिर्फ भारत में ही नही पूरी दुनिया में होता है। याद रखिए एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए हमे बेरोजगारी को खत्म करना होगा। और उसके लिए ऐसी कंपनियों का होना बहुत जरूरी है को नौकरी दे। 


अब जैसे जैसे इन कंपनियों का विकास होगा विदेश में भारत में व्यापार करने के दृष्टिकोण में बदलाव आएगा , लोग भारत में व्यापार करने को प्रोत्साहित होंगे , नए व्यापार खुलेंगे जो एक जगह जाकर भारत के ही विकास ने अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।

याद रखिए भारत की बढ़ती जनसंख्या को नौकरी देने के लिए सरकार चाहे जितने प्रयास करे वह सबको नौकरी नहीं दे सकती और वहां से प्राइवेट कंपनियां नौकरियां प्रदान करती है। 



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