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जनसंख्या नियंत्रण कानून – एक साक्षात्कार।

बढ़ती आबादी – सुनने में ये दो शब्द शायद अभी इतने जरूरी नहीं लग रहे पर ये पूरी दुनिया का वो डर है जो धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है। 

पर हमेशा की तरह हम भारतीय इन सबसे अनजान ऐसी चीजों से दूरी बनाए हुए थे , पर तभी हाल ही में हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून के आने से पूरे भारत का ध्यान का केंद्र एकाएक जनसंख्या पर चला गया। 

                                ( स्त्रोत :—दैनिक भाास्कर     )

लेकिन गौरतलब है , कि ये बिल केंद्र सरकार ने नही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए प्रस्तुत किया है। 
इस बिल का नाम द उत्तर प्रदेश पॉपुलेशन ( कंट्रोल एंड स्टेबलाइजेशन ) बिल ,2021 है। 

इस बिल के अनुसार वे लोग जिनके 2 से अधिक संताने होती है उन्हें उत्तर प्रदेश में मिलने वाली सरकारी मदद जैसे सरकार की तरफ से मुफ्त राशन, सरकारी नौकरी मिलना , उनका किसी भी तरह का सरकारी चुनाव लडना या इलेक्शन प्रक्रिया में हिस्सा लेने जैसे कई अधिकारी पर रोक लग जाएगी, तथा ऐसे लोगो को इन सभी सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा। इसी के साथ ऐसे लोगो के सरकारी नौकरी में किसी भी प्रोमोशन पर भी रोक लगा दी जाएगी।इसी बिल में आम लोगो द्वारा कोई सुझाव इत्यादि देने के लिए भी कहा गया है । अगर कोई व्यक्ति इस बिल के लिए सरकार को कोई सुझाव देना चाहते है तो वो लोग दे सकते है। 
पर बात अभी भी वही की वही है कि ऐसा बिल उत्तर प्रदेश में लाने की जरूरत क्यों आन पड़ी? 

तो जवाब कुछ ऐसा है कि ये बिल उस राज्य में लाया गया है , जिसकी आबादी करीब 240 मिलियन के करीब पहुंच चुकी है। यानी की अगर यूपी एक देश होता तो आज आबादी के हिसाब से 5 बड़ा देश बनता। 



 और हम लोग इस बात को माने या न माने कोरोना से यूपी अगर इतना प्रभावित हुआ है तो उसमे सबसे बड़ा कारण वहां की घनी आबादी भी है। आज अगर पूरी दुनिया में इस महामारी को हराने में सबसे ज्यादा चुनौती अगर किसी देश पर थी तो वो भारत पर थी। और हम हमारी सरकार के काम की प्रशंसा भी करनी ही चाहिए , क्योंकि जिस बीमारी में कई बड़े बड़े अमीर देशों ने घुटने टेक दिए वही भारत ने बड़ी ही कुशलता से इसपर विजय प्राप्त की। 
हां , सरकार कुछ मोर्चो पर फेल हुई पर पूरी तरह से फेल हुई ये कहना गलत है। आज इसी महामारी ने एक देश जिसकी सिर्फ 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, जिसपर 135 करोड़ लोगो को जिम्मेदारी थी , उसने लिमिटेड रिसोर्स से हराया है। 
पर इसी के साथ हमें ये एहसाह भी कराया कि हमारी आबादी हमारे लिए कितना चिंता का विषय है। 



आज भारत में पूरी दुनिया का सिर्फ 4 प्रतिशत ही जल संसाधन मौजूद है। आज भारत जिसकी आबादी 135 करोड़ से अधिक है , उसके पास दुनिया का सिर्फ 2.4 प्रतिशत (3.287 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर) ही जमीन हिस्सा है। और ये दुनिया के लिए ना सही परंतु भारत के लिए एक चिंता का विषय होना चाहिए। बात यही नहीं रुकती भारत में करीब 25 प्रतिशत की आबादी ऐसी भी है जो की बिल्कुल अनपढ़ है। 




अब आप सोच रहे होंगे कि अनपढ़ ही तो है उसमे क्या है? परंतु जब भी बात जनसंख्या नियंत्रण जैसी चीजों की आती है तो इसे समाज को प्रेरित करकर ही पूरा किया जा सकता है। एक पढा लिखा इंसान हर चीजों को सोचकर आगे बढ़ता है । अपने बच्चो के भविष्य से लेकर अपने भविष्य तक सब कुछ। वही पहले जो शिक्षा के अभाव में 8–9 बच्चे पैदा करते थे , फिर उनके पालन पोषण ,पढ़ाई, नौकरी , जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था। इसीलिए हम इस अनपढ़ वर्ग को इस विषय में जागरूक करने की आवश्यकता है। 

भारत में लोग अक्सर ये मुद्दा जोर शोर से उठाते है कि सरकार नौकरियां नही देती , पर असल कारण सिर्फ सरकार की नाकामी ही नही है बल्कि हमारे द्वारा बढ़ाई गई जनसंख्या भी है। अगर देश में जनसंख्या ज्यादा होगी तो देश में युवाओं को नौकरियो का आभाव होगा , नौकरी के आभाव में देश में गरीबी बढ़ेगी। आज भारत हंगर इंडेक्स (भुखमरी) में टॉप पर रहता है , इसका भी एक कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है , जब लोग ज्यादा बच्चे पैदा तो करते है पर उनका भरण पोषण नहीं कर पाते।



एक रिपोर्ट के अनुसार भारत 2027 तक चीन को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। एक शीर्ष संस्था द लेंसेंट की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी 2048 में 160 करोड़ के आसपास होगी जो कि आबादी के हिसाब से भारत का पीक प्वाइंट कहा जा सकता है , जिसके बाद भारत की जनसंख्या कम होने लगेगी।  2100 तक भारत की जनसंख्या करीब 109 करोड़ होगी , वो भी दुनिया में सबसे ज्यादा , चीन की जनसंख्या उस समय करीब 72 करोड़ होगी।
उस समय भारत का ये पॉजिटिव प्वाइंट हो सकता है , की भारत की पास दुनिया की सबसे ज्यादा लेबर फोर्स होगी जो की दुनिया भर में नौकरियां कर सकते है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले समय में दुनिया भर के देशों में आबादी घटने वाली है जो भारत के लिए अच्छे संकेत देती है।



द लैंसेंट में प्रकशित रिपोर्ट का पहला भाग:-


( लैंसेंट द्वारा प्रकाशित पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। 👇

पर अब जाकर भारत की जनसंख्या वृद्धि में थोड़ी सी कमी जरूर आई है, फिलहाल सबसे ज्यादा जनसंख्या वृद्धि दर सीरिया की है जो की साढ़े चार प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
तो आखिर में कुल मिलाकर बात इतनी है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया बिल इसी दिशा में एक बेहतर कदम साबित हो सकता है। इस बिल से आम लोगो के साथ साथ सरकार पर भी बोझ कम पड़ेगा। और प्रस्तुत हालातो में अगर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो भारत को ऐसे कदम जल्द से जल्द उठाने होंगे जिसके कारण जल्द से जल्द सुखद परिणाम देखने को मिले। 



हमारे अभी के फैसले ये तय करेंगे की भारत का आने वाला भविष्य कितना उज्ज्वल तथा साफ होगा।
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                             —जय हिंद—

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