राहुल गांधी जिनका परिवार लगभग 5 दशकों से राजनीति में प्रखर भूमिका निभा चुके है , और अब बारी राहुल गांधी की है जो अपने राजनीतिक भविष्य के लिए अभी तक कुछ खास नहीं कर पाए है।
जिनका परिवार भारत की राजनीति में एक अतुल छाप छोड़ चुके है , वो राहुल गांधी आज तक के राजनीतिक करियर में कुछ भी खास नही कर पाए है। परंतु ऐसा क्यों?
तो कारण है , उनके द्वारा दिए गए कुछ उटपटांग से बयान ।
जी बिल्कल , और ये सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है , उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कुछ ऐसे ही बयान दिए है।
पता नही क्यू , पर राहुल भूल जाते है की उनके द्वारा दिए गए बयानों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय भू - रणनीतिक समुदाय भारत के खिलाफ करता है। इनमे सर्जिकल स्ट्राइक , बालाकोट स्ट्राइक हो या फिर चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में कब्जा कर लिया है- जैसे बयान देना हो , इन सबको पाकिस्तान जैसे भारत के शत्रु देश बड़ी आसानी से भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर लेते है।
और कही ना कही यह बात भारतीयों को बड़ा नाखुश कर देती है।
परिणामस्वरूप भारतीय लोग राहुल में वो परिपक्वता नही देखते ,जो उस व्यक्ति में होनी जरूरी है जो प्रधानमंत्री के पद का उम्मीदवार है।
राहुल गांधी के इस तरह के बयानों से वो खुद को एक साधन की तरह प्रस्तुत करते है जो दूसरों को हंसाने का काम करता है।
राहुल गांधी अपने इसी अपरिपक्व व्यवहार की वजह से जब कभी राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है , वो नरेंद्र मोदी का विरोध करने के साथ वो राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखते हुए कुछ देश विरोधी बयान भी दे देते है। और भारत के प्रतिनिधियों को विदेशों में भारत को डिफेंड करना पड़ता है। और ना चाहते हुए भी भारत बैकफुट पर आ जाता है।
ऊपर जो ट्वीट दिया गया है उसके अनुसार राहुल गांधी कह रहे है की चीन भारत की जमीन पर कब्जा करता जा रहा है । और ये राहुल तब कह रहे है जब सेना प्रमुख बयान दे चुके है की चीन अपनी सीमा में ही है। कुछ इसी तरह के बयान जो राहुल बिना कुछ सोचे बस कर देते है ये भी उनकी असफलता का बड़ा कारण है।
जैसे की -अभी हाल ही में अपने मन की बात में पीएम मोदी ने जब फ्री वैक्सीन सभी के लिए कहते हुए बताया जो निजी अस्पतालों से वैक्सीन लगवाने में सक्षम है वो सिर्फ 150 रुपए की कीमत पर लगवा सकते है ।
लोग सोच ही रहे थे इस बात का कोई कैसे विरोध कर सकता है?
पर शायद लोग गलत थे , क्योंकि राहुल गांधी हमेशा की तरह ट्वीट करते हुए कहते है -
" कि अगर वैक्सीन सभी के लिए मुफ्त है , तो निजी
अस्पताल वैक्सीन के लिए पैसे क्यों ले रहे है "
गौरतलब है , की पीएम पहले ही कह चुके थे की जो सक्षम है सिर्फ वही निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाए बाकियों को केंद्र के माध्यम से मुफ्त लगाई जाएगी। इसके बाद भी ऐसा ट्वीट ? कभी कभी ऐसा लगता है की राहुल का एकमात्र लक्ष्य मोदी को गलत साबित करना होता है। जरा सोचिए कि कल अगर पीएम लाइव आकर ये कह दे मित्रो सब के सब सांस लो तो राहुल कहेंगे नही ये केंद्र को चाल है कोई ऐसा मत करो।
खैर ये तो मजाक की बात हो गई परंतु अगर राहुल ऐसे बयान देते रहेंगे तो भारत के लोग कब तक उन्हे राजनीति में रखेंगे?
खैर राहुल को और कांग्रेस को एक बात समझनी चाहिए भारत अब उतना भी अनपढ़ नही रहा अब अगर आपको भारत का प्रतिनिधित्व करना है तो परिपक्वता दिखनी ही होगी अन्यथा 2014 और 2019 हमे प्रत्यक्ष प्रमाण दे चुके है ।
अगर बात परिपक्वता की करें तो हाल ही में संपन्न हुई भारत जोड़ों यात्रा राहुल गांधी का एक बहुत ही परिपक्व कदम साबित हुआ है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस यात्रा के दौरान लोगो में राहुल गांधी जी के लिए जो भी भ्रांतियां थी कही ना कही उन भ्रांतियों पर कुछ हद तक लगाम कसने में राहुल गांधी सफल हुए है।
मगर फिर वही यात्रा के दौरान महाराष्ट्र क्षेत्र में वीर सावरकर जी पर हमला करने की बात हो , या फिर कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा फहराने को पहले मना करने की बात हो। राहुल गांधी को समझना होगा कि लोग उनमें एक ताकतवर नेता , फैसला लेने में देरी ना करने वाला , अपने दिवंगत नेताओ का सम्मान करने वाला देखना चाहते है।
फिर बात अगर भारत जोड़ों यात्रा पर करें तो जिन राज्यों में उनकी सरकार पहले से स्थापित है वहां उनके स्वागत में कांग्रेसी नेताओ ने पलकें बिछा दी। बात अगर राजस्थान की करें तो वहां के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी ने उनकी आवभगत में कोई कमी नही रखी । यात्रा के इतने अच्छे से संपन्न होने के प्रमुख कारणों में यह भी एक कारण रहा।
वैसे वहां भी शुरुआत में राहुल गांधी जी से ज्यादा उनकी पहनी टी शर्ट ज्यादा चर्चा में रही। नरेंद्र मोदी जी की इतनी लोकप्रियता का एक प्रमुख कारण यह भी रहा है कि वे लोगो के बीच से उठ कर आए है। लोग जब भी उन्हें कुछ सम्मान पाते हुए देखते है तो अक्सर वे उनसे खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते है।
अब जब राहुल गांधी जी देश में यात्रा के दौरान इतने लोगो से मिले है , तो निश्चित तौर पर उनका आत्मविश्वास तथा उनमें लोगो का आत्मविश्वास में जरूर वृद्धि हुई होगी ऐसा हम मान सकते है।
खैर भारत का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं यही चाहूंगा कि भारत के। लोकसभा में विपक्ष भी इतना मजबूत हो जिससे की भारतीय संविधान और उसके लोकतंत्र को मजबूती प्रदान होती रहे। इसी बात में देश का फायदा है , आपका फायदा है हमारा फायदा है !
इन्ही सब बातों के साथ मैं अपना ब्लॉग समाप्त करता हूं तथा राहुल गांधी जी को मेरी ओर से आने वाले चुनावों के लिए शुभ कामनाएं देता हूं जिससे की वो जल्दी से जल्दी परिपक्व हो और भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पुरजोर तरीके से निभाए।।
★ जय हिंद ★
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